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25 Jun 2025 · 1 min read

वो नजरों के पास हैं, या नजरों से दूर ।

वो नजरों के पास हैं, या नजरों से दूर ।
दिल के सारे खेल अब , दिल से हैं मजबूर ।
उनकी हैं सब धड़कनें, उनके हैं सब ख्वाब –
फिर अश्कों से गुफ़्तगू, उल्फत का दस्तूर ।

सुशील सरना

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