जीवन में अपना व्यक्तित्व शून्य रखिये ... ताकि कोई उसमें कुछ
जीवन में अपना व्यक्तित्व शून्य रखिये … ताकि कोई उसमें कुछ भी घटा न सके, “परंतु”… जिसके साथ खड़े हो जाएं … उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाये। अंतर्मन में संघर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ चेहरा, यही जीवन का श्रेष्ट अभिनय है…🙏🏃🏻संस्कार देते रहिए। अब हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती नई पीढ़ी को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराना है और उनके कर्तव्यबोध का उनको ज्ञान कराना है। संस्कारों की लड़ाई है जीतना जरूरी है। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् …भारत माता की जय 🚭‼️