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23 Jun 2025 · 1 min read

*माराकाटी चल रही, युद्ध-भूमि संसार (कुंडलिया)*

माराकाटी चल रही, युद्ध-भूमि संसार (कुंडलिया)
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माराकाटी चल रही, युद्ध-भूमि संसार
कहीं किसी की जीत है, कहीं किसी की हार
कहीं किसी की हार, सदा मानवता रोती
करता युद्ध विनाश, महाक्षति सबकी होती
कहते रवि कविराय, सभी को प्रिय निज माटी
गलत राज्य-विस्तार, गलत है माराकाटी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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