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15 Mar 2023 · 1 min read

मुद्दा उछलना चाहिए

लगता है
उसका फिर बुत से टकराना लगता है ।
बनने वाला कोई फसाना लगता है ।।

सुंदर बुत के रुख पर है नकाब ,मानो ।
धरती में एक गढ़ा खजाना लगता है ।।

जब सुगंध सांसों में आई दोस्त मेरा ।
मुझसे मिलने हुआ रवाना लगता है।।

तेरा झल्ला जाना भी मेरे मन को ।
मध्यम सुर में एक तराना लगता है ।।

आंख नशीली होंठ रसीले जिस्म तेरा ।
रोम-रोम मुझको मैंखाना लगता है ।।

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