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भारमल गर्ग
11 posts · 5,748 words
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23 Jun 2025 · 1 min read
तुम तो बाढ़ में सब कुछ खोकर आई हो। तुम्हें सहारे की जरूरत है
तुम तो बाढ़ में सब कुछ खोकर आई हो। तुम्हें सहारे की जरूरत है।
– विलक्षण
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