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22 Jun 2025 · 1 min read

लौट आ

लौट आ
कोई बैठा है इंतजार में तेरे

चार आंखें राह तकती हैं
तेरे लौट आने की उम्मीद में
लौट आ
बहुत हुई बेकरारी
कोई बैठा है इंतजार में तेरे

जरा सी आहट होती है
तो पूछते हैं कि आ गया तूँ
लौट आ
जिंदगी हुई भारी
कोई बैठा है इंतजार में तेरे

भूख है न ही प्यास है
आँसू छिपाकर पी जाते हैं
लौट आ
देख तो लाचारी
कोई बैठा है इंतजार में तेरे

“V9द” कहाँ खोया है
आना होगा अंतिम सांस पे
लौट आ
उम्मीद अब हारी
कोई बैठा है इंतजार में तेरे

स्वरचित
V9द चौहान

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