मैनें तुमको लिखा जब हृदय पृष्ठ पर,
मैनें तुमको लिखा जब हृदय पृष्ठ पर,
भावनाओं का सागर मचलने लगा।
कल्पनाओं के नूतन सपन सज गए,
प्रीति का मेघ धीमें बरसने लगा।
✍️अरविन्द त्रिवेदी
मैनें तुमको लिखा जब हृदय पृष्ठ पर,
भावनाओं का सागर मचलने लगा।
कल्पनाओं के नूतन सपन सज गए,
प्रीति का मेघ धीमें बरसने लगा।
✍️अरविन्द त्रिवेदी