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17 Jun 2025 · 1 min read

कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है किंतु तोता दूसर

कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है किंतु तोता दूसरे की भाषा बोलता है, इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है अपनी भाषा, अपने विचार और अपने आप पर विश्वास करें सत्य पर चलने वाले परेशान हो सकते हैं, पराजित नहीं…🙏🏃🏻‍♂️सदैव सतर्क रहिए। अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च। अर्थात- अहिंसा मनुष्य का परम धर्म है, परंतु धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करना भी धर्म है। सुरक्षित रहिए, प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️

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