Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Jun 2025 · 1 min read

मध्यांतर

ऑपरेशन सिंदूर थका नही दम भर के लिए ठहरा है।
सो गया है भ्रम में मत रहना चारों तरफ पहरा है।।

साँप सोया है किस बिल में बाज़ ने उसे देख लिया है।
बाहर निकला तो टुकड़े होंगें उसने भी जान लिया है।।

शहंशाह ए हिन्द ने एलान-ए-जंग तो कर ही दिया है।
गोली चली तो गोला देंगे ये भी स्पष्ट कर ही दिया है।।

मध्यांतर थोड़ा लंबा हो गया निश्चित पर्दा फिर उठेगा।
अभी तो केवल टीस हुई है अबकी बारी कराह उठेगा।।

बात होगी सलीके से तो मुद्दा केवल कश्मीर होगा।
अखंड भारत तो सदैव अखंड है पहले अखंड कश्मीर होगा।।

Loading...