तेरे नाम की खुशबू
मतला:
हर सांस में बसी है, तेरे नाम की खुशबू,
रूह भी महक उठी है, तेरे नाम की खुशबू।
तन्हा नहीं रहा दिल, जब से तू मिला है,
छूती है आज भी मुझको, तेरे नाम की खुशबू।
रातें भी मुस्कुराईं, चाँद भी शरमाया,
कुछ ऐसा असर है, तेरे नाम की खुशबू।
लफ्ज़ों में ढल गया है, जज़्बात का समंदर,
हर शेर में बहती है, तेरे नाम की खुशबू।
ख़ामोशियाँ भी अब तो बातें करने लगीं,
सुन ली है शायद, तेरे नाम की खुशबू।
अब और क्या कहूँ मैं, इबादत हो गया तू,
हर सजदे में बसी है, तेरे नाम की खुशबू।
विनीता शाहा