चामर छंद
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चामर छंद – मापनीयुक्त वर्णिक
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मात शारदे हमें अखंड ज्ञान दीजिये ।
एक बार देखिये कृपा अनूप कीजिये ।।
द्वार देख लो खड़े निहारते पुकारते ।
आपकी कृपा मिले न जंग भक्त हारते
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छंद का करो प्रदान ज्ञान मात शारदे ।
भाव गीत में भरो महान मात शारदे ।।
हों कवित्त गीतिका भरी हुई प्रवाह से ।
दूर लेखनी रहे सदैव मात डाह से ।।
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श्याम के समान कौन शाह बादशाह है ।
प्यार शाह का मिले सदैव एक चाह है ।।
ग्वाल बाल आपको यहाँ हरी पुकारते ।
दर्श दो हमें कृपालु राह हैं निहारते ।।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
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