प्रेम में मौन भी बोलता है
प्रेम एक ऐसा अनुभव है जो शब्दों की सीमाओं से परे है।जब दो आत्माएं प्रेम में होती हैं, तो मौन भी एक मधुर संगीत बन जाता है।
प्रेम की अनकही धुन।
प्रेम का यह अहसास वास्तव में अद्वितीय है।यह वो जगह है जहाँ शब्दों की कोई आवश्यकता नहीं होती।दो दिल जब एक-दूसरे में सिमट जाते हैं। तो उनका मौन भी बहुत कुछ कह जाता है। यह किसी जीवित संगीत की तरह होता है, जो सीधा रूह की गहराइयों से जुड़ता है और आत्मा को छू लेता है।
इसी अनकही भाषा में,हर आध्यात्मिक द्वार खुल जाता है और मन के भीतर एक अदृश्य,अटूट बंधन बन जाता है।यह वो रिश्ता है जहाँ न तो शब्दों का बोझ होता है, न समय की परवाह।बस एक गहरी शांति और समझ होती है जो सिर्फ महसूस की जा सकती है।यह प्रेम की वो अद्भुत प्रकृति है जहाँ मौन ही सबसे सच्चा संवाद बन जाता है।
-लक्ष्मी सिंह