*भरती अपनी मॉंग में, नारी है सिंदूर (कुंडलिया)*
भरती अपनी मॉंग में, नारी है सिंदूर (कुंडलिया)
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भरती अपनी मॉंग में, नारी है सिंदूर
इसका मतलब एक मन, एक प्राण भरपूर
एक प्राण भरपूर, शौर्य से इसका नाता
जीवन-रण में जीत, यही सिंदूर दिलाता
कहते रवि कविराय, गर्व से सदा सॅंवरती
सिंदूरी अभिमान, मॉंग में नारी भरती
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451