परिवार
एक छोटा सा संसार
होती खुशियाँ अपार,
एक-दूजे से जुड़े होते
मन से मन का तार।
रिश्ते होते कइयों इसमें
प्रेम जिसका आधार,
दुःख-सुख में साथ निभाते
चलते रहना ही सार।
होते जो परिवार का मुखिया
बाँटते सबको काम,
किसी के दर्द- मुसीबत में
करते सारे इंतजाम।
लाख मुश्किलों में भी
कदम पीछे न हटते,
सारे उतार-चढ़ाव में भी
विश्वास कभी न घटते।
परिवार जब साथ रहे तो
खुशी होती दोगुनी,
परिवार एक ऐसा मन्दिर
बढ़ती हिम्मत चौगुनी।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
( साहित्य वाचस्पति )
साहित्य और लेखन के लिए
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।