डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर कविता
ज्ञान का दीप जला गया,
अंधेरों को मिटा गया,
न्याय-समानता का पुजारी,
हम सबको राह दिखा गया।
जात-पात की दीवारें जो थीं,
वो सब उसने गिरा दीं,
संविधान का रचयिता वो,
भारत को नयी राह दी।
पढ़-लिख कर ऊँचाइयों को छूया,
हर इंसान को बराबरी का हक़ दिया,
शोषण के विरुद्ध जो खड़ा रहा,
ऐसा सपूत भारत को मिला।
साहेब का नाम अमर है,
उनकी सोच में देश का स्वर है।
चलो आज हम ये संकल्प लें,
उनके सपनों को सच करें,
हर दिल में ज्ञान की बात हो,
हर मन में अम्बेडकर का साथ हो।
– साहिल अहमद