5) हम चले तिरंगे को थामे, हम में यह देश समाया है (राधेश्यामी छ
हम चले तिरंगे को थामे, हम में यह देश समाया है (राधेश्यामी छंद)
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1)
हम चले तिरंगे को थामे, हम में यह देश समाया है।
सीमा पर सैनिक के पीछे, हर एक नागरिक-काया है।।
2)
यह यात्रा चली तिरंगे की, इसका मतलब अनुशासन है।
इसका मतलब है देशभक्ति, सबसे ऊॅंचा अब आसन है।।
3)
यह तीन रंग का झंडा है, युद्धों में रहा विजेता है।
यह तीन रंग जब मिलते हैं, ताकत भारत को देता है।।
4)
यह सिंह-गर्जना करता है, दुश्मन को मार गिराता है।
यह दुश्मन के घर में घुसकर, हर युद्ध जीत कर आता है।।
5)
यह वीर तिरंगे की यात्रा, भारत को बल देने वाली।
यह सिंह-सवारी निकल रही, यह ही दुर्गा यह ही काली।।
6)
यह भारत की पहचान सिंधु, पावन जल यही कहानी है।
यह भारत के हित में बहता, नूतन भारत का पानी है।।
7)
यह अमर तिरंगे की यात्रा, वंदन है वीर जवानी का।
वंदन है सिंदूरी मन का, वंदन है मातु भवानी का।।
8)
वंदन भारत के सैनिक का, वंदन भारत जन-जन का है।
जो लड़ा शांति के लिए युद्ध, वंदन तेजस्वी मन का है।।
9)
भारत-वीरों की सिंदूरी, यह अमर शौर्य की गाथा है।
यह विजयी वीर तिरंगे की, यात्रा का ऊॅंचा माथा है।।
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451