अंधे राह दिखाते निसदिन,बहरे शब्द सुधार रहे।
अंधे राह दिखाते निसदिन,बहरे शब्द सुधार रहे।
गूंगे हमें बताते निसदिन,कब कैसा व्यवहार रहे।
यही हाल है मेरा भाई, बोलो क्या उपचार करूं?
प्रखर बताओ मेरे साथी,जैसा उचित विचार रहे।।
– सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’