पुष्प
प्रेमभाव से देखो तो यह देख तुम्हें मुसकाते हैं,
बिन शब्दों के ही तुमको अपना हाल सुनाते है
खिलकर हर्ष दिखाते और मुरझाकर पीड़ा को
सुने अगर इनको तो पुष्प भी हमसे बतीयाते हैं,,
प्रेमभाव से देखो तो यह देख तुम्हें मुसकाते हैं,
बिन शब्दों के ही तुमको अपना हाल सुनाते है
खिलकर हर्ष दिखाते और मुरझाकर पीड़ा को
सुने अगर इनको तो पुष्प भी हमसे बतीयाते हैं,,