हां !
हां !
ऐसी भी परिस्थितियां आयेंगी जब तुम सब कुछ सही कर रहे होगे उसके बाद भी परिणाम तुम्हारे हक़ में नहीं आएगा…
और ये दौर ही तुम्हें सरल, सुलझा हुआ और संयमी इंसान बनने को मजबूर करेगा…
क्योंकि तब तुम्हें समझ आ जाएगा कि,
“जीवन केवल कुछ ‘पा’ लेने के बारे में नहीं, बल्कि कैसे ‘कुछ न पा पाने के बाद भी लगे रहना है इस बारे में है”