पावन ब्रह्म मुहूर्त में, शुद्ध सदा परिवेश।
पावन ब्रह्म मुहूर्त में, शुद्ध सदा परिवेश।
विस्तर तजकर देखिए, दूर रहेगा क्लेश।।
शुद्ध भाव हरि नाम का, करके देखो जाप।
जीवन को संबल मिले, मिटे सकल संताप।।
राम नाम संबल लिए, चलते हैं जो लोग।
पार सहज भव को करें, जीवन का सुख भोग।।
ब्रह्म ज्ञान को छोड़िए, भजिए बस हरि नाम।
सिद्ध स्वयं होगा सभी, इच्छित सारे काम।।
महिमा यह हरि नाम का, मिले ब्रह्म का ज्ञान।
सरस भाव हर जीव का, “पाठक” रखता ध्यान।।
:- राम किशोर पाठक (शिक्षक/कवि)