“श्री गणपति वंदना”

प्रथम पूज्य प्रभु देव तुम्ही हो, गौरी नंदन, गजमुख धारी।
आओ विराजो घर आंगन में, तेरे स्वागत की तैयारी।
प्रभु तेरे स्वागत की तैयारी।
तुम ही विनायक, तुम गणनायक, रिद्धि सिद्धि के स्वामी हो।
गजःकर्ण तुम, श्वेत वर्ण हो, प्रभु तुम अंतर्यामी हो।
मैं मूर्ख ना विधि जानता,
मैं मूर्ख ना विधि जानता, तेरे पूजन की सारी
आओ विराजो घर आंगन में, तेरे स्वागत की तैयारी।
प्रभु तेरे स्वागत की तैयारी।
गज आनन तुम, लंबोदर हो, सिद्धिविनायक बुद्धि पति।
शंकरसुत तुम, गिरिजानंदन, महाकाय, बलवान अति।
आने में ना विलंब करो प्रभु,
आने में ना विलंब करो प्रभु, मूषक की करो सवारी
आओ विराजो घर आंगन में, तेरे स्वागत की तैयारी।
प्रभु तेरे स्वागत की तैयारी।
कुमार अखिलेश
देहरादून (उत्तराखंड)
मोबाइल नंबर 09627547054