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29 Mar 2025 · 1 min read

परिवार

परिवार प्रेम की मूरत है,
संग चले तो दुनिया सूरत है।
माँ की ममता, पिता का साया,
भाई-बहन का संग सुहाया।

जहाँ हर दिल में प्यार बसता,
हर आंगन में सुख भी हँसता।
दुख में हिम्मत, सुख में गाना,
साथ निभाए हर इक बहाना।

संस्कारों की पहली कड़ी,
हर रिश्ता इसमें गहरी जड़ी।
जो साथ रहे, वो घर कहलाए,
जहाँ अपनापन मुस्कुराए।

परिवार से दुनिया प्यारी,
इससे जीवन की हर तैयारी।
जहाँ मिले अपनापन सारा,
वहीं बसे खुशियों का किनारा। अनोप भाम्बु
जोधपुर

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