कविता मीठी ईख सी
कविता को कविता रखें , करें नहीं खिलवाड़ ।
शब्दों में साहित्य के, .. चलता नही जुगाड।।
भाव अर्थ सौंदर्य सह, करिए व्यक्त विचार।
हो जाएगा आप ही, कविता का शृंगार।।
कविता मीठी ईख सी,करे न ज्यादा शोर।
सुनकर हो जाएं जिसे, श्रोता भाव विभोर।।
रमेश शर्मा.