Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2025 · 3 min read

चौपाई

विविध
*************
गंगा डुबकी चलो लगाएँ।
अमृत स्नान का पुण्य कमाएं।।
आखिर कल किसने देखा है।
लंबी कितनी ये रेखा है।।

महाकुंभ सौभाग्य हमारा।
संगम तट फैला उजियारा।।
हम भी डुबकी एक लगायें।
मुक्ति पाप से पाकर आयें।।

दिनकर जी का कहना मानो।
उनकी महिमा को भी जानो।।
समय व्यर्थ मत आप गँवाओ।
निज जीवन खुशहाल बनाओ।।

नीति नियम से दिनकर आते।
कभी नहीं वो हैं पछताते।।
समय पालना उनसे सीखें।
कहो कहानी कृष्ण सरीखें।।

********
चौपाई छंद – मनमानी
*********
करो नहीं कोई मनमानी।
कहते हैं ज्ञानी विज्ञानी।।
अपना जीवन सफल बनाओ।
हर पल प्रभु के तुम गुण गाओ।।

जीवन को खुशहाल बनाओ।
मर्यादा को भूल न जाओ।।
आप सभी को खुशियां दोगे।
तभी आप खुशहाल रहोगे।।

मनमानी की आदत छोड़ो।
निज जीवन से नाता जोड़ो।।
मनमानी पड़ती है भारी।
काम नहीं आती है यारी।।

******
चौपाई छंद- पिचकारी
*****
रंग अबीर-गुलाल लगाओ।
सब मिल होली आप मनाओ।।
रंग भरी पिचकारी लाओ।
रंग आप जमकर बरसाओ।।

खेल रहे हैं बच्चे होली।
सूरत उनकी लगती भोली।।
सब पर खूब रंग बरसाते।
उछलकूद हुड़दंग मचाते।।

आओ हम सब होली खेलें।
निंदा नफ़रत ईर्ष्या ठेलें।।
रंग भरी पिचकारी लायें।
गुझिया पापड़ जमकर खायें।।
*******
चोपाई छंद – होली
*********
आओ मिलकर रंग लगाएँ।
होली का त्योहार मनाएँ।।
भेद-भाव को मार भगाएँ।
दीन-दुखी को गले लगाएँ।।

नहीं रंग में भंग घोलना।
मीठे प्यारे शब्द बोलना।।
होली का सम्मान करेंगे।
यही भाव हम सभी रखेंगे।।

मर्यादा में खेलो होली।
नहीं बोलना तीखी बोली।।
मन के सारे भेद मिटाओ।
शीश झुकाओ गले लगाओ।।

वृद्ध और बीमार बचाओ।
रंग कभी मत पकड़ लगाओ।
माथे सबके तिलक लगाओ।
ले आशीष सदा मुस्काओ।।

होली का हुड़दंग अनोखा।
लगता सबको चोखा – चोखा।।
मौका कहकर मदिरा पीते।
अपनी दुनिया में सब जीते।।

**********
चौपाई छंद- चौसर (211 भगण)

कुटिल शकुनि ने जाल बिछाया।
दुर्योधन को भी समझाया।।
पाँडव चौसर खेल बताया।
शकुनी ने निज जाल बिछाया ।।

फँसे जाल में सारे पाण्डव।
मगन बहुत थे सारे कौरव।
भंग हुई कुल की मर्यादा।
शर्मसार पाँडव थे ज्यादा।।

सभा मौन सब शीश झुकाए।
कौरव वंश बहुत मुस्काए।
पड़ी द्रौपदी पर ये भारी।
नींव महाभारत की डारी।।

*******
चौपाई छंद – महिमा
**********
भोले की महिमा है न्यारी।
कहलाते भोले भंडारी।।
शिव की कृपा सहज मिलती है।
रोग शोक सबका हरती है।।

मातु-पिता की महिमा जानो।
अंतर्मन से तुम पहचानो।।
हर दुविधा से बचे रहोगे।
ठोकर खाकर नहीं गिरोगे।।

महिमा की महिमा न्यारी है।
यारी भी पड़ती भारी है।।
आप सभी हम इसके प्यारे।
कभी दुलारे कभी पछारे।।

शिव की महिमा जिसने जानी।
वो ही बन जाता विज्ञानी।।
भोले-भाले औघड़दानी।
महिमा जिनकी सबने जानी।।

**********
चौपाई छंद – पैसा
*********
रिश्तों से पैसा है प्यारा ।
बिन पैसा झूठा है सारा ।।
पैसा कम तो मोल नहीं है।
मानो बिल्कुल बात सही है।।

पैसों ने है दुनिया बदली ।
काली चादर लगती उजली।।
पैसों ने आँखें ज्यों फेरी ।
दुर्गत होती जग में मेरी।।

मानवता पर पैसा भारी।
पैसों की ताकत है सारी।।
रहे दूर हो रिश्ते सारे।
बचकर रहते हैं बेचारे।।

रिश्ते पैसों पर पलते हैं।
इसके बिन वो कब चलते हैं।।
पैसों का है खेल निराला।
ईश्वर ही सबका रखवाला।।

जिसके पास नहीं है पैसा।
आज भाव वे जानें कैसा।।
सब जानें पैसे की माया।
पैसा पहले पीछे जाया।।

सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मलता रहा हाथ बेचारा
मलता रहा हाथ बेचारा
manorath maharaj
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
कुछ ना पा सकोगे तुम इस झूठे अभिमान से,
कुछ ना पा सकोगे तुम इस झूठे अभिमान से,
Ranjeet kumar patre
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
jogendar Singh
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त और एहसास
वक्त और एहसास
पूर्वार्थ देव
भ्रातत्व
भ्रातत्व
Dinesh Kumar Gangwar
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय प्रभात*
तू ही ज्ञान की देवी है
तू ही ज्ञान की देवी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुंभकार
कुंभकार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
मैं समझता हूँ, तुम सफल होना चाहते हो। तुम्हें अपने सपनों तक
मैं समझता हूँ, तुम सफल होना चाहते हो। तुम्हें अपने सपनों तक
पूर्वार्थ
स्पर्श
स्पर्श
sheema anmol
लैपटॉप
लैपटॉप
Suryakant Dwivedi
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
उदास हूँ मैं...
उदास हूँ मैं...
हिमांशु Kulshrestha
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
नेता हुए श्रीराम
नेता हुए श्रीराम
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आप आते हैं तो  बहारों पे छा जाते  हैं ।
आप आते हैं तो बहारों पे छा जाते हैं ।
sushil sarna
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
लक्ष्मी सिंह
सच्चे कवि और लेखक का चरित्र।
सच्चे कवि और लेखक का चरित्र।
Priya princess panwar
बरखा
बरखा
Neha
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
*सा रे गा मा पा धा नि सा*
sudhir kumar
दोहा- मीन-मेख
दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
कुछ...
कुछ...
Naushaba Suriya
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अच्छे करते मेहनत दिन-रात
अच्छे करते मेहनत दिन-रात
Acharya Shilak Ram
4424.*पूर्णिका*
4424.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...