पत्नी
शर्माजी की पत्नी ने बेलन उठाया !
और शर्माजी को धमकाया !!
कि इसी तरह रोज-रोज लेट आओगे !
प्रतिदिन महिला सैक्रेटरी को घुमाओगे !!
तो मैं आपसे नाता ही तोड़ लूंगी !
आपसे अच्छा है कि किसी
पागल से नाता जोड़ लूंगी !!
यह सुनकर…
शर्माजी ने पत्नी को समझाया !
हमले के डर से ढाल की तरह चौकी उठाया !!
और पत्नी से कहा…
तू अपने दिल की बातों में न आना !
अरे ! पागल की जगह
पड़ौसी वर्मा जी से ही शादी रचाना !!
मेरा काम तो तू ही कर लेगी !
वर्षो की दुश्मनी का बदला
पल में ही पूरा कर देगी !!
पति की बात सुनकर !
अपना सिर धुनकर !!
शर्माजी की पत्नी
वर्मा जी के साथ गई भाग !
मोहल्ले में फैल गई
बदनामी की आग !!
लोग कर रहे थे विचार विमर्श !
तो कोई दे रहा था अपने उचित परामर्श !!
तभी लोग बोले…
बेचारे ! हमारे शर्माजी !
शर्माजी खुश होकर बोले…
बेचारे! अभागे वर्मा जी !!
• विशाल शुक्ल