रिश्तों में जब लगाव हद से बढ़ जाए,

रिश्तों में जब लगाव हद से बढ़ जाए,
तो जुदाई का डर हर वक्त सताने लगता है।
जिससे उम्मीदें बंध जाती हैं,
वही उम्मीदें अक्सर टूट भी जाती हैं।
लगाव का ये जाल जितना प्यारा लगता है,
उतना ही दर्द भी दे जाता है।
इससे बचने का तरीका ये नहीं कि प्यार करना छोड़ दो,
बल्कि इतना समझ लो कि हर रिश्ता ‘हमेशा’ का नहीं होता।
अपना दिल इतना मजबूत बनाओ,
कि किसी के आने-जाने से तुम्हारी मुस्कान ना छिने।
जो साथ है, उसे बेइंतेहा प्यार दो,
और जो चला जाए, उसे दुआओं में छोड़ दो।
अटैचमेंट को मोहब्बत में बदल दो,
जहां पाने का लालच नहीं, बस देने का सुकून हो।
फिर देखना… जुदाई का डर भी हार मान जाएगा,
और तुम्हारा दिल पहले से कहीं ज्यादा सुकून पाएगा।