मुक्तक ….

मुक्तक ….
रमज़ान में इबादत , क़ुरआन की तिलावत,
सर झुक गया अदब से , होती रही इनायत,
मालिक सभी का है वो, सब जानता है दिल की ,
अल्लाह सँग मिली है , महबूब की मुहब्बत ।
✍️नील रूहानी,, 2/3/25…
मुक्तक ….
रमज़ान में इबादत , क़ुरआन की तिलावत,
सर झुक गया अदब से , होती रही इनायत,
मालिक सभी का है वो, सब जानता है दिल की ,
अल्लाह सँग मिली है , महबूब की मुहब्बत ।
✍️नील रूहानी,, 2/3/25…