मखाना।
मखाना।
-आचार्य रामानंद मंडल।
मखाना न
हम मखान लिखब।
मिथिला पेंटिंग न
हम मधुबनी पेंटिंग लिखब।
मिथिला न
हम दरभंगा राज लिखब।
तिरहुत न
हम मिथिला लिखब।
तिरहुता न
हम मिथिलाक्षर लिखब।
तिरहुतिया न
हम मैथिल लिखब।
वैष्णव न
हम शाक्त बनब।
सिया न
हम जानकी लिखब।
धिया न
हम माय लिखब।
अंगिका बज्जिका न
हम मैथिली कहब।
अगड़ा पिछड़ा न
हम उच्च नीच लिखब।
संविधान न।
हम मनुस्मृति पढब।
श्रमण न
हम ब्राह्मण बनब।
हिंदू न
हम सनातनी बनब।
धार्मिक न
हम आडंबरी बनब।
सच न
रामा मिथक लिखब।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।