Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2025 · 1 min read

कुम्भ स्नान -भोजपुरी श्रंखला – भाग – २ – वीअईपिया नहान

रतिये सामान सब
गाड़िये धराइल ,
जोहते- जोहत विहान
जल्दिये भईल ।

चुपके से गड़िया
निकलल मोहल्ले से ,
आते सड़किया पे
चलल सन -सन से।

रस्ते भर उषा
सोहर गीत गावे ,
गुड्डू के अम्मा भी
गीत देवी सुनावे।

गावत बजावत सब
जाते रहल ,
उषा के निगाह अचानक
पजरवे पड़ल।

एक बड़की गाड़ी में
दीपकवा देखायल ,
नजर जब मिलल त
ऊ अंखिया चुरायल।

बहुत मामी -मामी
दीपकवा ममियात रहे ,
चुपके से मेहरी संग
संगम भागल ऊ जात रहे।

अरे देखा जीजी
सास -ससुरो के ले ले हौ ,
एकरे वदे हम
लड़ल रहिली ओनहन से।

रचिको ना सोचलेस
की मामियो के ले लेई ,
ई मुंहझौसा के
देखा का हम कही।

चला छोड़ा कहियों
दिन हमरो हो आई ,
तब तोहे हमउ
सुना कस बताइब।

यही सोचत देखत सब
नियरे पहुँचली,
वइजेह से बीस मील
पैदल सब चललिन।

छरहर उषा के
फरक कउनो नाही ,
गुड्डू के अम्मा के
चढ़ल आँखीं छाई।

कतहूँ न भइया उनके
कतहूँ न साथी ,
नन्दोई ओनकर भी
कतौ ना लखाईन।

गुड्डो के अम्मा ज
उषा से कहलिन ,
बलवऊतू जीजा के
अब बस हमरे नहिनी।

वीअईपिया नहान
हम सबके करियतन ,
कराके भोजन पानी
हम सबके पठइतन।

कइले है फोन सुना
उनके हो दीदी
पर भीड़ इतना कि
कैसे ओनके खोजी।

चला धीरे – धीरे
ऊ हमें खोज लिहन
पुलुसिआ जीजा भी
हमें जोहत होइअन। ।,,,,,,,,,,क्रमशः

37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
View all

You may also like these posts

जिंदगी भी किताब जैसी
जिंदगी भी किताब जैसी
Seema gupta,Alwar
बेसुरी खाँसी ....
बेसुरी खाँसी ....
sushil sarna
4632.*पूर्णिका*
4632.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज्योतिबा फुले का नाम तब तक रहेगा
ज्योतिबा फुले का नाम तब तक रहेगा
gurudeenverma198
यादेँ
यादेँ
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
- गुमसुम लड़का -
- गुमसुम लड़का -
bharat gehlot
..
..
*प्रणय प्रभात*
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
Shweta Soni
कौन करें
कौन करें
Kunal Kanth
यादों के शहर में
यादों के शहर में
Madhu Shah
स्पंदन
स्पंदन
Shekhar Deshmukh
दो धारी तलवार
दो धारी तलवार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
'मन चंगा, तो कठौती में गंगा’
'मन चंगा, तो कठौती में गंगा’
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर)
प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर)
लक्ष्मी सिंह
कहना क्या
कहना क्या
Awadhesh Singh
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
लड़कियों को विजेता इसलिए घोषित कर देना क्योंकि वह बहुत खूबसू
Rj Anand Prajapati
आधी सी अधूरी सी मैं
आधी सी अधूरी सी मैं
अर्चना मुकेश मेहता
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल  सामने आने लगे हैं,
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल सामने आने लगे हैं,
Neelofar Khan
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
न्याय निलामी घर में रक्खा है
न्याय निलामी घर में रक्खा है
Harinarayan Tanha
And then I realised that the way the hair falls like strands
And then I realised that the way the hair falls like strands
पूर्वार्थ देव
789WIN là một trong những thương hiệu nhà cái uy tín nhất ở
789WIN là một trong những thương hiệu nhà cái uy tín nhất ở
789win
"छोटे से गमले में हैं संभलें पौधे ll
पूर्वार्थ
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
अच्छा नहीं लगता
अच्छा नहीं लगता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*बहुत अच्छाइ‌याँ हैं, मन्दिरों में-तीर्थ जाने में (हिंदी गजल
*बहुत अच्छाइ‌याँ हैं, मन्दिरों में-तीर्थ जाने में (हिंदी गजल
Ravi Prakash
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"शब्दों का समीकरण"
Dr. Kishan tandon kranti
" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
Loading...