कैसी मनोदशा हैं मेरी
तुझे अपने रंग में रंगना चाहता हूँ
और तुझे हर रंग से बचाना चाहता हूँ
तेरे हर रंग मे रंग जाना चाहता हूँ
तुझे दिल मे छुपाना चाहता हूँ
मुस्कुरा दो अब तो मैं भी
होली मनाना चाहता हूँ
दूर हूँ तो क्या हुआ
पास आना चाहता हूँ
तेरी मुस्कान के हर रंग में
डुब जाना चाहता हूँ
अब तो तेरे ही रंग में
रंग जाना चाहता हूँ
तुझे अपनी ममता के आँचल में
छुपाना चाहता हूँ
मैं तेरा दीवाना था हूँ
और बने रहना चाहता हूँ
मैं तुझे शुभकामनायें
सच्चे हृदय से देना चाहता हूँ