वण्डर गर्ल
कुछ लोग जन्मजात महान पैदा होते हैं। ऐसे लोग पृथ्वी पर अवतरित होते ही अपने असाधारण कारनामों के बल पर सारे संसार का ध्यान खींच लेते हैं। कुछ ऐसी ही विशेषता धारित करने वाली छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिलासपुर की वण्डर गर्ल का नाम है – इरजा कुरैशी। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि इरजा की उम्र केवल एक वर्ष है।
बिलासपुर के व्यापार विहार स्थित नगर निगम कॉलोनी में रहने वाले कुरैशी परिवार की एक वर्षीय लाड़ली बेटी इरजा अपनी छोटी सी अवस्था में कई बड़े कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। वे न केवल शासन की 42 योजनाओं का लाभ प्राप्त कर चुकी है, वरन् उसके नाम पर अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम हो चुके हैं। अनेक विश्व रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हो चुके हैं। इरजा को लाभ प्राप्त शासन की 42 योजनाओं में जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट कार्ड, सुकन्या समृद्धि योजना, पैनकार्ड, आँगनवाड़ी सेवाओं की लाभप्रद योजनाएँ शामिल हैं।
इरजा ने एक मिनट में 102 बार जम्पिंग करके पूर्व के 72 बार के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया इतिहास रचा है। इसके अलावा वह दुनिया में सबसे ज्यादा पहचान पत्र धारक बनने वाली बच्ची भी है। उसे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 10 से अधिक पुरस्कार और टॉफियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।
इरजा के दादा-दादी, फरीद और आशिया कुरैशी का कहना है कि इरजा की उपलब्धियाँ हमें गौरवान्वित करने वाली है। उनकी ये उपलब्धियाँ पूरे परिवार की जागरूकता का परिणाम है। उन्होंने समाज से अपील की है कि वे शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाएँ। ये तमाम योजनाएँ न केवल परिवार के लिए फायदेमन्द सिद्ध होंगी, बल्कि शासन की योजनाओं को सफल बनाने में भी सहायक सिद्ध होंगी।
आज इरजा की ये उपलब्धियाँ न केवल छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिलासपुर के लिए वरन् पूरे भारत देश के लिए गौरव का विषय है। आज के कठिन दौर में जागरूकता के माध्यम से शासन की योजनाओं का लाभ उठाने का यह प्रेरणादायक उदाहरण भी है। साथ ही इरजा का यह सुनहरा सफ़र ये सिद्ध करता है कि जागरूकता और इच्छाशक्ति के समक्ष कुछ भी असम्भव नहीं है। उनके भावी सफल-सुखद जीवन की अशेष शुभकामनाएँ…।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।