तुमसे प्रेम करके, मैने बहुत कुछ सीख लिया, मुझे अब सब्र करना
तुमसे प्रेम करके, मैने बहुत कुछ सीख लिया, मुझे अब सब्र करना अच्छा लगता है, अब मुझे झुकना इबादत सी लगती है, इंतजार एक आदत सी हो गई है, तन्हाई अब मुझे परेशान नहीं करती, हर बात का जवाब अब जरूरी नहीं लगता, खामोशी मुझे भाने लग गई है, किसी की खुशी में सकून मिलने लगता है, अंधेरे से अब डर नहीं लगता, नींद और सपनो में अब दोस्ती हो गई, आँसुओ का मौल अब समझ आता है, आँखों की भी भाषा होती है, मुस्कराहट से भी मसले हल हो जाते हैं, गरूर अब बेमानी सा लगता है, किसी का होना ना होना जरूरी नहीं लगता है, जिंदगी किसी और कि अमानत सी लगती है, दूरियों में नजदीकियाँ बढ़ जाती है, बिना मिले दिल मिल सकते है, बिना छुए महसूस किया जाता है, रंग रूप पैसा सब कोरे झूठ लगते है, उम्र सिर्फ एक संख्या लगती है, समर्पण से भी किसी को पाया जा सकता है।