कभी-कभी लगता है कि मेरी किस्मत ही खराब है, जिसपे भरोसा करो व
कभी-कभी लगता है कि मेरी किस्मत ही खराब है, जिसपे भरोसा करो वो भरोसा तोड़ देता है, जिससे उम्मीद लगाओ वो उम्मीद तोड़ देता है…
जिनसे रिश्ते निभाओ वो रिश्ता तोड़ देता है, जिसका साथ चाहो वो साथ छोड़ देता है, कभी-कभी तो हार जाते है खामोश हो जाते है, समझ नही आता किस पे भरोसा करे किस पे ना करे…
पता नही ये अच्छी किस्मत कब आएगी मेरी, कोई तो होगा मेरी तरह मेरे जैसा बिखरा हुआ और टूटा हुआ जिसे शायद मेरा समेटना ही रास आएगा…
जिसको बस मुझमें सुकून आएगा, जिसको सिर्फ मेरा इंतजार होगा, जो मेरी हर उदासी को बाट लेगा, जिसके दिल में सिर्फ मेरे लिए प्यार होगा…
जहां कोई नही साथ देता वहां वो साथ देगा, मुझे समझेगा। संभालेगा, कोई तो होगा मेरा जो सिर्फ मेरी सुनेगा.