सुप्रभात
#ओ३म्
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प्रथम नमन उस परमपिता को
जो दें मनुज शरीर |
करें होम हम स्थूल देह का,
कटे ह्रदय की पीर |
बने आत्मबल दिव्य हमारा,
ज्यों गंगा का तीर |
तपे देह तो बने सुपावन,
सुंदर निर्मल नीर. |
व्यक्त ओ३म् में आस्था अपनी,
जो है प्राणाधार |
बने ओ३म् मय जीवन अपना,
सुंदर यह संसार ||
आप सबों को सादर #सुप्रभात
नवनीत चौधरी विदेह
जय श्री हरि: