"हर राह पर खड़ा होगा तेरी हिफाजत करने वाला
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग...... एक सच
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब नेत्रों से मेरे मोहित हो ही गए थे
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
जब टैली, एक्सेल, कोडिंग, या अन्य सॉफ्टवेयर व अन्य कार्य से म
जाती जनगणना की हवामिठाई का सच |
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?