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6 Jan 2025 · 1 min read

*जो अपने हैं उनसे सच्चा, आपस में व्यवहार रहे (हिंदी गजल)*

जो अपने हैं उनसे सच्चा, आपस में व्यवहार रहे (हिंदी गजल)
_________________________
1)
जो अपने हैं उनसे सच्चा, आपस में व्यवहार रहे
यही उचित है हम जीतें या, हारें हम में प्यार रहे
2)
एक जरा-सी कड़वाहट से, रिश्ते खत्म नहीं होते
सुई और धागा ले जोड़ो, हर दिन एक सुधार रहे
3)
धन-दौलत में क्या रक्खा है, कम या ज्यादा रहती है
देह स्वस्थ है इस कारण भी, ईश्वर का आभार रहे
4)
भेंट किसी को जब भी दो तो, अच्छी से अच्छी देना
हो जितनी सामर्थ्य प्रेम से, उतना शुभ सत्कार रहे
5)
हों प्रतिकूल परिस्थितियॉं यदि, तो भी चिंता क्या करना
हर दुख में जीने की क्षमता, जीने का आधार रहे
6)
नदियों में भारत बसता है, पर्व हमारे बतलाते
शुद्ध रखें नदियों को यदि हम, जीवित हर त्यौहार रहे
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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