Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2025 · 1 min read

हलचल इधर भी है तो हलचल उधर भी होगी ही!

हलचल इधर भी है तो हलचल उधर भी होगी ही!
बेक़रार है दिल मेरा तो बेक़रारी उधर भी होगी ही!
काश दरमियां हमारे सरहद की दीवार नहीं होती…
तो हर आवाज़ मेरी हमनशीं तक पहुॅंच जाती ही!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 23 Views

You may also like these posts

यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
Dr.Deepak Kumar
।।
।।
*प्रणय*
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
Ajit Kumar "Karn"
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
बैसाखी पर्व पर प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Chaahat
प्रेम का मतलब
प्रेम का मतलब
लक्ष्मी सिंह
भरोसा
भरोसा
Mansi Kadam
मोबाइल
मोबाइल
पूर्वार्थ
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
नीचे तबके का मनुष्य , जागरूक , शिक्षित एवं सबसे महत्वपूर्ण ब
Raju Gajbhiye
सजल
सजल
seema sharma
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक मै था
एक मै था
Ashwini sharma
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
पेड़ और नदी की गश्त
पेड़ और नदी की गश्त
Anil Kumar Mishra
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के विरोधरस के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
Karuna Goswami
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मोर
मोर
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
भारत का परचम
भारत का परचम
सोबन सिंह रावत
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
जननी हो आप जननी बनके रहो न की दीन।
जननी हो आप जननी बनके रहो न की दीन।
जय लगन कुमार हैप्पी
4572.*पूर्णिका*
4572.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से (हिंदी गजल)*
*उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
" हुस्न "
Dr. Kishan tandon kranti
Talash
Talash
Mamta Rani
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...