क्या से क्या हो गया देखते देखते।
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
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दोस्त जितने भी मिले,वफादार मिले