इतनी शिद्दत से प्यार कौन करे
धड़कने बेकरार कौन करे,
इतनी शिद्दत से प्यार कौन करे।
तू तो चहरा छुपाये बैठा है
तुझपे फिर ऐतबार कौन करे।
मुश्किलों से इसे सँभाला है,
ज़िस्म ये तार तार कौन करे।
इक दफ़ा करके हमने देखा था
नींद फिर फिर बेज़ार कौन करे।
तू न आया न तो ख़बर आई,
फिर तेरा इंतज़ार कौन करे।
#बाग़ी