तेरी दुनिया को ही अपना घरबार समझते हैं,
The Day I Wore My Mother's Saree!
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
बुरा तो वही , जिसकी नियत बुरी है...
उसकी याद कर ले , हे बन्दे !
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
माया
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोहा सप्तक . . . . मुखौटे
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है