यूं तमाम शब तेरी ज़वानी की मदहोशी में गुजार दी,
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
अगर हमारा सुख शान्ति का आधार पदार्थगत है
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
🌹 *गुरु चरणों की धूल* 🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
खाक में मिल जाएगा ये मिट्टी का बदन तेरा.......
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................