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27 Nov 2024 · 1 min read

प्रभु की माया

प्रभु की माया
कुंडलिया
सूखा के कारण कहीं , नष्ट हो रहा धान
कहीं बाढ़ की आपदा , हर लेती है प्रान
हर लेती है प्रान , राम की कैसी माया
कहीं अपरिमित धूप , कहीं छाया ही छाया
घी पीते कुछ लोग , वही मरते कुछ भूखा
कहीं सताती बाढ़, कहीं दुख देता सूखा
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक -16-11-2024

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