यदि होना होगा, तो तूझे मेरा होना होगा
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चिरयइन की चहक, मिट्टी की महक
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
अब बदला हिंदुस्तान मियां..!
चार शेर मारे गए, दर्शक बने सियार।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
मोहब्बत की आख़िरी हद, न कोई जान पाया,
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah