Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 1 min read

4780.*पूर्णिका*

4780.*पूर्णिका*
🌷 सोच सुंदर ना बेकार यहाँ 🌷
212 22 22 22
सोच सुंदर ना बेकार यहाँ ।
जो दिया अपना उपहार यहाँ ।।
देख दिल की भी हालात जरा ।
साजन हकीकत है प्यार यहाँ ।।
बांटते खुशियांँ मिलकर हरदम ।
जान भी तुझ पर बलिहार यहाँ ।।
नेकनीयत रखते हम सच में ।
बस बने सुख का संसार यहाँ ।।
साथ अपना जीवन भर खेदू।
मन कश्ती दामन पतवार यहाँ ।।
………..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
29-10-2024मंगलवार

34 Views

You may also like these posts

जय भीम!
जय भीम!
Shekhar Chandra Mitra
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
औरों के ही रात दिन,
औरों के ही रात दिन,
sushil sarna
मैं तुझे खुदा कर दूं।
मैं तुझे खुदा कर दूं।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
तेवरी केवल कैमरे की कला नहीं + निरंजन कुमार ‘निराकार’
तेवरी केवल कैमरे की कला नहीं + निरंजन कुमार ‘निराकार’
कवि रमेशराज
. क्यूँ लोगों से सुनने की चाह में अपना वक़्त गवाएं बैठे हो !!
. क्यूँ लोगों से सुनने की चाह में अपना वक़्त गवाएं बैठे हो !!
Ravi Betulwala
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
सवैया छंदों की शृंखला
सवैया छंदों की शृंखला
Subhash Singhai
फूलों ने कली
फूलों ने कली
manjula chauhan
- जो इश्क करता है फिर वो कुछ नही करता -
- जो इश्क करता है फिर वो कुछ नही करता -
bharat gehlot
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
काश हम भी दिल के अंदर झांक लेते,
काश हम भी दिल के अंदर झांक लेते,
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पुरुषार्थ
पुरुषार्थ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मुझे मेरी पहचान चाहिए
मुझे मेरी पहचान चाहिए
MEENU SHARMA
time
time
पूर्वार्थ
मुखर मौन
मुखर मौन
Jai Prakash Srivastav
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
अंसार एटवी
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
श्रृंगार/ गोपी छंद
श्रृंगार/ गोपी छंद
guru saxena
..
..
*प्रणय*
कांतिमय यौवन की छाया
कांतिमय यौवन की छाया
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
* मैं अभिमन्यु *
* मैं अभिमन्यु *
भूरचन्द जयपाल
3226.*पूर्णिका*
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फासलों से वो टूट जाएंगे ,
फासलों से वो टूट जाएंगे ,
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*मानव शरीर*
*मानव शरीर*
Dushyant Kumar
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...