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28 Oct 2024 · 1 min read

4774.*पूर्णिका*

4774.*पूर्णिका*
🌷 देखो वक्त बदल रहा है 🌷
22 22 22 2
देखो वक्त बदल रहा है ।
अपना रक्त बदल रहा है ।।
पूजा का क्या हाल यहाँ ।
हरदम भक्त बदल रहा है ।।
मौसम का है रंग अलग ।
हो आसक्त बदल रहा है ।।
कमजोर नहीं मन अपना।
आज अशक्त बदल रहा है ।।
चाहत नेक यहाँ खेदू।
साथी सक्त बदल रहा है ।।
……✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
28-10-2024सोमवार

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