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24 Oct 2024 · 1 min read

" दास्तां "

” दास्तां ”

एक दिन हम तो चले जाएंगे
पर कदमों के निशां रह जाएंगे,
सबकी दास्तां लिखते-लिखते
हम खुद ही दास्तां बन जाएंगे।

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