तुम हो तो काव्य है, रचनाएं हैं,
एक विद्यार्थी जब एक लड़की के तरफ आकर्षित हो जाता है बजाय कित
बिछड़ गए तो दिल उम्र भर लगेगा नहीं
गंगा काशी सब हैं घरही में.
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
23/91.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
What's that solemn voice calling upon me
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
*बारात में पगड़ी बॅंधवाने का आनंद*
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तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
हर क़दम ठोकरें खा के चलते रहे ,
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
एक अलग सी चमक है उसके मुखड़े में,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,