मेह
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
।। आशा और आकांक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
उसका प्रेम
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
आज कल इबादते इसी कर रहे है जिसमे सिर्फ जरूरतों का जिक्र है औ
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
गीत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "