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रेवन्त राम सुथार
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2 Oct 2024 · 1 min read
धन
ए धरा धन रे काज, जो होवे धन रा मद माती ।
नही धरा रो धन काम आवे,छूट जावे कुल नाती।।
Language:
Hindi
Tag:
गोपीलाल जी सुथार
,
चेतावणी रा दोहा
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