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20 Mar 2022 · 1 min read

मेरा तुझसे ये रिश्ता कैसा हुजूर ।

मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर ।
दिल को तेरे सिवा कोई ना मंजूर।
एक तेरी चाहत, तुझसे आशिकी
भला इसमें मेरा , क्या हैं कुसूर

मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता , कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा , कोई ना मंजूर

रहता हूं दूर मगर तेरे करीब हूं
तू नही तो इस दिल से गरीब हूं
ढूंढती नजर हर तरफ तेरे निशान
छाया हैं हर जगह , तेरा सुरूर

मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा , कोई ना मंजूर

लगता नही दिल , तेरे बगैर कही
तू जहां मेरी , दुनिया हैं वहीं
लेती हैं धड़कन हर दम तेरा ही नाम
बता तेरे इश्क का , यह कैसा दस्तूर

मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा कोई ना मंजूर

मेरा प्यार तुझसे , तुझसे हर बात है
मेरा जीना जीना , तू अगर साथ हैं
एक तेरा साथ , एक तेरा हाथ
मांगू खुदा से , हर दुआ में जरूर

मेरा तुझसे हैं ये रिश्ता कैसा हुजूर
दिल को तेरे सिवा कोई ना मंजूर

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